मुख्य अभियन्ता :
श्रीमती अम्मी रुहामा टोप्पो
"राष्ट्रीय विद्युत योजना (जनरेशन) की तैयारी-[एनईपी], भारत के गजट में एनईपी की अधिसूचना और विद्युत अधिनियम, 2003 की धारा 3 (4) के अनुसार पांच साल में एक बार प्रकाशन। उत्पादन विस्तार योजना के लिए व्यवहार्य उत्पादन मिश्रण का काम करें और मांग और आपूर्ति के आधार पर परियोजना को न्यायोचित ठहराने के लिए। विद्युत क्षेत्र में विभिन्न संगठनों को उत्पादन डेटा विश्लेषण के संबंध में सलाह/परामर्श। एमओपी द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार मध्य क्षेत्र की विद्युत परियोजनाओं से राज्यों/केंद्र प्रदेश ों के लाभार्थियों के बीच बिजली का आवंटन। उत्पादन क्षमता वृद्धि लक्ष्य और उपलब्धियों की रिपोर्ट का समेकन।
राष्ट्रीय विद्युत योजना
- सरकार, राज्य/केंद्रीय उपयोगिताओं, लाइसेंसधारियों, उत्पादक कंपनियों, सार्वजनिक और अन्य हितधारकों के परामर्श से राष्ट्रीय विद्युत नीति के अनुसार हर पांच साल में एक बार व्यवहार्य और व्यावहारिक राष्ट्रीय बिजली योजना (एनईपी) तैयार करें और प्रकाशित करें।
- हितधारकों की प्रतिक्रिया और उभरती बाजार वास्तविकताओं के अनुसार राष्ट्रीय विद्युत योजना (एनईपी) की आवधिक समीक्षा।
उत्पादन क्षमता में वृद्धि
- अल्पकालिक और मध्यम अवधि की उत्पादन क्षमता वृद्धि योजनाओं की सिफारिश करना और अखिल भारतीय आधार पर उपलब्धि की तुलना में निर्धारित क्षमता वृद्धि की समीक्षा करना।
- उपलब्धि की तुलना में अनुसूचित उत्पादन क्षमता वृद्धि की आवधिक समीक्षा में एमओपी को सहायता प्रदान करें।
आरए अध्ययन
- आरए अध्ययन-अखिल भारतीय
- दीर्घकालिक राष्ट्रीय संसाधन पर्याप्तता योजना (एलटीएनआरएपी) के लिए अध्ययन करना और राष्ट्रीय स्तर के पीआरएम और विश्वसनीयता सूचकांक (एलओएलपी और एनईएनएस) को सालाना प्रकाशित करना और रिपोर्ट प्रकाशित करना।
- यह सुनिश्चित करने के लिए अगले 10 वर्षों के लिए इष्टतम पीढ़ी मिश्रण प्रकाशित करना आवश्यक है कि कम से कम लागत पर अखिल भारतीय मांग को पूरा करते हुए राष्ट्रीय स्तर की प्रणाली आरए के अनुरूप हो।
- क्षेत्रीय आधार पर विभिन्न संसाधन प्रकारों के लिए क्षमता क्रेडिट प्रकाशित करें।
- राष्ट्रीय शिखर पर राज्य/केंद्रशासित प्रदेश का योगदान प्रकाशित करें।
- योजना अध्ययन करने के लिए योजना मानदंडों और विश्वसनीयता सूचकांकों (एलओएलपी और एनईएनएस) की आवधिक समीक्षा
- आरए अध्ययन- पश्चिमी क्षेत्र
- पश्चिमी क्षेत्र के लिए राज्य विशिष्ट संसाधन पर्याप्तता अध्ययन करना और दीर्घकालिक डिस्कॉम संसाधन पर्याप्तता योजना (एलटी-डीआरएपी) की तैयारी में क्षेत्र के राज्यों का सहयोग करना।
- पश्चिमी क्षेत्र की डिस्कॉम/यूटिलिटीज की एलटी-डीआरएपी योजना की समय-समय पर जांच करना
- आरए टूल
- संसाधन पर्याप्तता उपकरण की खरीद और विकास से संबंधित कार्य।
अंतरराष्ट्रीय सहयोग
- भारत-डेनमार्क सहयोग से संबंधित कार्य।
मिश्रित
- उद्घाटन सत्र, सेमिनार, कार्यशालाओं और सम्मेलनों के लिए प्रस्तुति/भाषण की तैयारी
- विद्युत क्षेत्र में विभिन्न समितियों, परिषदों आदि से जुड़ाव।
- संसद के प्रश्नों, वीआईपी और एमओपी, ऊर्जा, बिजली उपयोगिताओं आदि पर स्थायी समिति के संदर्भों के लिए सामग्री/उत्तर तैयार करना।