विद्युत क्षेत्र - सूचना साझाकरण एवं विश्लेषण केंद्र (आई.एस.ए.सी - पावर)

महत्वपूर्ण आधारिक संरचना की साइबर सुरक्षा दुनिया भर में व्यापार और सरकारों के बीच बढ़ती चिंता है। सी.ई.आर.टी-इन की नींव भारत सरकार द्वारा सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम-2000 के माध्यम से रखा गया जो साइबर सुरक्षा मानकों, अनुपालन, घटना बचाव और मार्गदर्शन के लिए समर्पित है, । महत्वपूर्ण आधारिक संरचना क्षेत्र में साइबर सुरक्षा की जरूरतों की समीक्षा करने के पश्चात सरकार द्वारा क्षेत्रीय सी.ई.आर.टी के गठन करने का निर्णय लिया गया।

भारत सरकार / सी.ई.आर.टी-इन के निर्देशों के अनुरूप विद्युत मंत्रालय ने विद्युत क्षेत्र के लिए चार सेक्टोरल सी.ई.आर.टी का गठन किया –

  • सी.ई.आर.टी. - थर्मल (एन.टी.पी.सी.)
  • सी.ई.आर.टी. - हाइड्रो (एन.एच.पी.सी.)
  • सी.ई.आर.टी. - ट्रांसमिशन (पावरग्रिड)
  • सी.ई.आर.टी. - वितरण (डी.पी.&टी. प्रभाग, के.वि.प्रा)
इसके अलावा, भारत सरकार, ने सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 के प्रावधान के तहत राष्ट्रीय क्रिटिकल इंफॉर्मेशन इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोटेक्शन सेंटर (एनसीआईआईपीसी) का गठन किया है।

साइबर सिक्योरिटी के क्षेत्र में सर्वोत्तम प्रथाओं को अनुसरण कर, विद्युत क्षेत्र में विभिन्न साइबर सुरक्षा घटनाओं को साझा और विश्लेषण करने के लिए एक केंद्रीय समन्वयकारी प्रणाली - सूचना साझाकरण एवं विश्लेषण केंद्र (आई.एस.ए.सी-पावर) की कल्पना की गई। विद्युत मंत्रालय के तहत चार क्षेत्रीय सी.ई.आर.टी. के लिए आई.एस.ए.सी-पावर केंद्रित मंच है।

  • मुख्य सूचना सुरक्षा अधिकारियों की भूमिका और उत्तरदायित्व